नगर विकास विभाग, उ.प्र. शासन द्वारा वर्ष 2017 में गोवंशों के प्रति क्रूरता रोकने एवं निराश्रित गोवंशो के पुनर्वासन के लिए "कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना" प्रारंभ की गयी जिसके अंतर्गत प्रदेश के नगर निकायों में कान्हा गौशाला का निर्माण किया जाता है | गौशालाओं में संरक्षित गौवंश के भरण पोषण की व्यवस्था निकाय द्वारा स्वयं के संसाधनों से की जाती है | आवश्यकतानुसार निकाय की मांग के आधार पर राज्य सरकार द्वारा ₹ 30.00 प्रति गौवंश प्रतिदिन के आधार पर निकायों को अनुदान दिया जाता है | गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने हेतु गौशाला को पर्यटन/तीर्थ स्थल एवं गौशाला को उधोगशाला के रूप में (गौ उत्पाद पर आधारित) विकसित करने हेतु नगरीय निकाय निरंतर प्रयासरत है |
वर्तमान में प्रदेश के नगरीय निकायों के कुल 558 गौ-आश्रय स्थल (241 स्थायी एवं 317 अस्थायी गौआश्रय स्थल) संचालित है | जिनकी कुल क्षमता 1,03,820 पशुओं को संरक्षित करने की है, जिसके सापेक्ष वर्तमान में उक्त गौ आश्रय स्थलों में कुल 1,00,408 गौवंश संरक्षित है |
माननीय मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश
माननीय कैबिनेट मंत्री
नगर विकास
माननीय राज्य मंत्री
नगर विकास
प्रमुख सचिव, नगर विकास विभाग
गौशालाओं की संख्या
स्थायी गौशालाओं की संख्या
अस्थायी गौशालाओं की संख्या
गायों की संख्या
गौशालाओं की क्षमता
27-May-2023 10:30 PM
27-May-2023 07:20 PM
27-May-2023 07:20 PM
27-May-2023 07:20 PM
30-May-2023 07:20 PM
30-May-2023 07:20 PM
27-May-2023 07:20 PM
05-June-2023 07:20 PM
बेसहारा पशुओं के रखरखाव मद में एकरूपता के लिए पशुधन विभाग द्वारा निर्धारित मानक - प्रति पशु प्रतिदिन रू० 30.00 की दर निर्धारित की गयी है|
कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के अंतर्गत भूसे - चारे की व्यवस्था हेतु नगर विकास के शासनादेश दिनांक 25-03-2019 द्वारा दिशानिर्देश निर्गत किये गए हैं|