Previous Next
यत्र गाव: प्रसन्नाः स्युः प्रसन्नास्तत्र सम्पदः । यत्र गावो विषण्णाः स्युर्विषण्णास्तत्र सम्पदः ॥ जहां गाय सुखी रहती हैं, वहां समृद्धि का वास होता है। जहां गाय दु:ख में होती हैं, वहां विपत्तियों का वास होता है।

कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना

नगर विकास विभाग, उ.प्र. शासन द्वारा वर्ष 2017 में गोवंशों के प्रति क्रूरता रोकने एवं निराश्रित गोवंशो के पुनर्वासन के लिए "कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना" प्रारंभ की गयी जिसके अंतर्गत प्रदेश के नगर निकायों में कान्हा गौशाला का निर्माण किया जाता है | गौशालाओं में संरक्षित गौवंश के भरण पोषण की व्यवस्था निकाय द्वारा स्वयं के संसाधनों से की जाती है | आवश्यकतानुसार निकाय की मांग के आधार पर राज्य सरकार द्वारा 50.00 प्रति गौवंश प्रतिदिन के आधार पर निकायों को अनुदान दिया जाता है | गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने हेतु गौशाला को पर्यटन/तीर्थ स्थल एवं गौशाला को उधोगशाला के रूप में (गौ उत्पाद पर आधारित) विकसित करने हेतु नगरीय निकाय निरंतर प्रयासरत है |

गतिविधियां एवं उपलब्धियां

एक दृष्टि में

गौ-सेवा के माध्यम

-->

दानकर्ताओं की सूची



Ramesh Chandra

27-May-2023 10:30 PM

Arpit Saxena

27-May-2023 07:20 PM

Rmachandra Kausik

27-May-2023 07:20 PM

Dinesh Singh

27-May-2023 07:20 PM

Ajay Vishwakarma

30-May-2023 07:20 PM

Akash Chandra

30-May-2023 07:20 PM

Sateesh Kumar

27-May-2023 07:20 PM

Ramchandra Nair

05-June-2023 07:20 PM

नवाचार

गौवंश की भारतीय नस्लें

गौ सेवा